अटल बिहारी ने इंदिरा गांधी को दुर्गा कहा था इसके सबूत नहीं, लोकसभा के रिकॉर्ड से हटाएं: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

लोकसभा में मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा के रिकॉर्ड से उस बयान को हटाने की बात कही, जिसमें दावा किया गया था कि अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी को दुर्गा कहा था. वित्त मंत्री ने कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं है, ये दावा विवादित है. इसलिए इसे लोकसभा के रिकॉर्ड में नहीं रहना चाहिए.

दरअसल मंगलवार को लोकसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा हो रही थी. इसी बीच बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने नागरवाला कांड का जिक्र करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी के कहने पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 60 लाख रूपए निकाल कर नागरवाला को दे दिए गए थे. बाद में इसकी जांच के लिए रेड्डी कमीशन बना जिसमें इंदिरा गांधी का नाम तो नहीं आया पर इंदिरा गांधी को पूरी तरह क्लीयरेंस नहीं मिला.

डीएमके सांसद ए राजा ने जताई आपत्ति

संबित पात्रा के बयान पर डीएमके सांसद ए राजा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि ये लोग बिल पर चर्चा में इंदिरा गांधी का नाम ले रहे हैं और सभापति ऐसा करने दे रहे हैं. तभी संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने सवाल उठाया कि विपक्ष के सांसद चेयरमैन के खिलाफ नारे लगा रहे हैं, इसके लिए माफी मांगना चाहिए. संबित पात्रा ने एक सही केस के बारे में बताया है, कोई नई कहानी नहीं बताई है.

केसी वेणुगोपाल बोले-अटल बिहारी ने इंदिरा को दुर्गा कहा था

संसद में बहस बढ़ी तो कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि इंदिरा गांधी के बारे में बोलकर बीजेपी ने सारी हदें पार कर दी है. इंदिरा गांधी ने तो पाकिस्तान से लड़ाई लड़ी और जीती. अटल बिहारी वाजपेयी ने तो इंदिरा गांधी को दुर्गा तक कहा था. इस पर लोकसभा स्पीकर ने कहा कि रिकॉर्ड से इंदिरा गांधी के रिफरेंस को हटा दिया जाएगा. स्पीकर ने यह भी कहा कि सदन की मर्यादा रखें, चेयर पर टिप्पणी नहीं करें.

निर्मला सीतामरण ने कही ये बात

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस नेता इंदिरा गांधी की तारीफ कर रहे हैं पर ये भी सच है कि लोग इंदिरा गांधी को आपातकाल लगाने के लिए भी याद करते हैं. निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी इंदिरा गांधी को दुर्गा कहा था ये विवादित दावा है और इसके सबूत नहीं है, लिहाजा सदन के रिकार्ड से दुर्गा वाली बात को हटा देना चाहिए. इसपर लोकसभा स्पीकर ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी को लेकर जो कहा गया वो रिकार्ड में बिना सत्यता के नहीं जाना चाहिए. स्पीकर ने ये भी कहा कि सभी वक्ताओं को बिल पर ही बोलना चाहिए, गरिमा बनाए रखना चाहिए और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगाना चाहिए.

क्या था नागरवाला कांड

एक किताब में दावा किया गया है कि 24 मई 1971 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके सचिव पी.एन. हक्सर के एक कथित टेलीफोन कॉल आने के बाद, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के संसद मार्ग ब्रांच के मुख्य कैशियर ने प्रधानमंत्री के ‘कोरियर’ को 60 लाख रुपये सौंप दिए थे. बाद में पीएमओ से ऐसा कोई निर्देश देने या कोई कोरियर भेजने से इंकार किया गया था, जिसकी जांच के लिए बाद में एक कमीशन बनाया गया था.