दिल्ली में कांग्रेस ने पहले कदम से दिखाए तेवर, दिग्गजों पर दांव खेलकर किसका बिगाड़ेगी खेल

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सियासी दलों ने अपने-अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) के बाद कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने कल गुरुवार को दिल्ली की 21 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की सूची जारी की. कांग्रेस ने अपने पहले ही कदम से सियासी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं.

कांग्रेस ने जिस तरह से अपने दिग्गज और अनुभवी नेताओं को दिल्ली के चुनावी दंगल में उतारा है, उससे एक तरफ मुकाबला रोचक बनता दिख रहा तो दूसरी तरफ विपक्षी दलों की सियासी टेंशन भी बढ़ सकती है. ऐसे में देखना है कि कांग्रेस के दांव से किसका खेल बनता है और किसका बिगड़ता है?

पहली लिस्ट में 3 मुस्लिम, 2 महिला

दिल्ली न्याय यात्रा के बहाने अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने के बाद कांग्रेस ने अब अपने सिपहसलारों को चुनावी मैदान में उतारना शुरू कर दिया है. पार्टी के 21 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में आधे से ज्यादा नाम दिग्गज नेताओं के हैं, जो पहले दिल्ली में विधायक या फिर सांसद रह चुके हैं. कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में तीन मुस्लिम और दो महिलाओं को टिकट दिया गया है. इसके अलावा दिल्ली के सियासी और जातीय समीकरण के लिहाज से पार्टी ने जो उम्मीदवार उतारे हैं, उसमें ब्राह्मण, दलित, मुस्लिम, सिख, पंजाबी और ओबीसी समुदाय पर भरोसा जताया है.

केजरीवाल के खिलाफ संदीप दीक्षित

नई दिल्ली विधानसभा सीट पर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस ने अपने पूर्व सांसद संदीप दीक्षित को उतारा है. इस सीट से संदीप दीक्षित की मां और दिल्ली की 15 साल तक सीएम रहीं शीला दीक्षित तीन बार विधायक चुनी गई थीं. केजरीवाल ने 2013 में शीला दीक्षित को शिकस्त देकर अपनी सियासी पारी का आगाज किया था और पहली बार दिल्ली के सीएम बने थे.

संदीप दीक्षित के मैदान में उतरने से नई दिल्ली सीट का मुकाबला काफी रोचक हो गया है. संदीप दीक्षित शुरू से ही केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस के सबसे मुखर चेहरा रहे हुए हैं. अगर केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा से चुनाव लड़ते हैं तो कांग्रेस-AAP की लड़ाई आर-पार की होगी. इस तरह कांग्रेस ने केजरीवाल को उनकी ही सीट तक सीमित रखने का दांव चला है.

कांग्रेस का दिल्ली में ‘अनुभवी’ दांव

संदीप दीक्षित ही नहीं कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने अनुभवी चेहरों को उतारा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव बादली सीट से किस्मत आजमाने उतरे हैं. पटपड़गंज सीट पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक चौधरी अनिल कुमार एक बार फिर ताल ठोंकेंगे. इसके अलावा शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे हारून युसूफ को उनकी परंपरागत सीट बल्लीमरान से उतारा गया है. युसूफ इस सीट से कई बार विधायक रह चुके हैं और अब फिर से किस्मत आजमाने के लिए उतरेंगे.

सुल्तानपुर माजरा सीट से कांग्रेस ने जय किशन को उतारा है, जो पार्टी के दिल्ली में दलित चेहरा माने जाते हैं. साल 2013 में केजरीवाल के सियासी लहर में कांग्रेस के जो चुनिंदा नेता अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे थे, उसमें जय किशन का नाम भी शामिल था. AAP के मुकेश अहलावत फिलहाल यहां से विधायक हैं. कस्तूरबा नगर सीट पर कांग्रेस ने अभिषेक दत्त को प्रत्याशी बनाया है, जो एमसीडी में पार्षद रहे हैं और छात्र राजनीति से मुख्य राजनीति में आए हैं. वह दिल्ली कांग्रेस के दिग्गज और युवा नेता माने जाते हैं. पंजाबी वोटर पर अच्छी पकड़ है.

कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के बेटे पर दांव

कांग्रेस ने चांदनी चौक से मुदित अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया है, जो पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल के बेटे हैं. चांदनी चौक सीट पर AAP ने मौजूदा विधायक प्रहलाद साहनी के बेटे पुनरदीप सिंह साहनी को प्रत्याशी बनाया है. इस तरह चांदनी चौक सीट पर दो दिग्गज नेताओं के बीच इस बार मुकाबला होने जा रहा है. इसी तरह मुस्तफाबाद सीट पर कांग्रेस ने पूर्व विधायक अहमद हसन के बेटे अली मेंहदी को प्रत्याशी बनाया है, जहां पर AAP ने अपने विधायक का टिकट काटकर आदिल खान को प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर ओवैसी ने दिल्ली दंगे के आरोप ताहिर हुसैन को उतार रखा है.

कांग्रेस ने वजीरपुर सीट अपनी तेज तर्रार प्रवक्ता रागिनी नायक को प्रत्याशी बनाया है, जो दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रसंघ की अध्यक्ष रही हैं. वो कांग्रेस के गुर्जर चेहरा अशोक बसोया की पत्नी भी हैं. अशोक बसोया भी दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. इस तरह कांग्रेस ने वजीरपुर सीट पर मुस्लिम-गुर्जर और ब्राह्मण समीकरण बनाने के लिहाज से रागिनी नायक को उतारा है. इसी तरह सदर बाजार से कांग्रेस ने पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज को खड़ा किया है.

कांग्रेस ने दो दिन पहले पार्टी में शामिल हुए सीलमपुर से AAP विधायक अब्दुल रहमान को सीलमपुर सीट से प्रत्याशी बनाया है. आम आदमी पार्टी ने इस बार तीन बार के विधायक रहे चौधरी मतीन अहमद के बेटे जुबेर अहमद को टिकट दिया है. कांग्रेस ने द्वारका सीट पर AAP से विधायक रह चुके आदर्श शास्त्री को टिकट दिया है. इसके अलावा बुराड़ी सीट से मंगेश त्यागी, नरेला सीट से अरुणा कुमारी, आदर्श नगर से शिवांक सिंघल, नांगलोई जाट सीट से रोहित चौधरी, शालीमारबाग से प्रवीण जैन, तिलक नगर से पीएस बावा, छतरपुर से राजिंदर तंवर, अंबेडकर नगर से जय प्रकाश और ग्रेटर कैलाश से गर्वित सिंघवी को प्रत्याशी बनाया है.

कांग्रेस की सोशल इंजीनियरिंग

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सीट के सियासी मिजाज और जातीय समीकरण को देखते हुए प्रत्याशी उतारे हैं. कांग्रेस ने तीन मुस्लिम, दो महिला को टिकट दिया है, लेकिन जातीय समीकरण के लिहाज से देखें तो पांच ब्राह्मण और एक पंजाबी ब्राह्मण समाज पर दांव लगाया है. ऐसे ही कांग्रेस ने दो गुर्जर, दो जाट और एक कायस्थ को प्रत्याशी बनाया है. इतना ही नहीं कांग्रेस ने वैश्य समुदाय से तीन प्रत्याशी उतारे हैं तो दलित समुदाय के दो नेताओं को टिकट दिया है. कांग्रेस ने जैन और सिख समुदाय से एक-एक प्रत्याशी उतारे हैं.

कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में जिस तरह से अपने संजीदा और अनुभवी नेताओं को उतारा है, उसके चलते कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय बन सकता है. कांग्रेस ने मुस्लिम बहुल तीन सीट पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं, लेकिन ओखला और मटियामहल सीट पर सस्पेंस बनाए रखा. कांग्रेस ने जिन 3 सीटों पर मुस्लिम को टिकट दिया है, उन पर आम आदमी पार्टी से मुस्लिम ही कैंडिडेट किस्मत आजमा रहे हैं. इसके अलावा नई दिल्ली सीट से लेकर चांदनी चौक, बादली और वजीरपुर तक की सीट पर मुकाबला रोचक हो गया है.