भारत में बड़े बच्चे भी एचएमपी वायरस का शिकार, नागपुर में 13 साल की लड़की और 7 साल का लड़का संक्रमित

HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) ने भारत में दस्तक दे दी है और इसके मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. महाराष्ट्र के नागपुर में भी HMPV वायरस के 2 संदिग्ध मरीज मिले हैं. इससे पहले कर्नाटक में 2, गुजरात में 1, पश्चिम बंगाल में 1 और तमिलनाडु में दो मामले सामने आए थे.

नागपुर में एक 13 साल की लड़की और एक 7 साल के लड़के में वायरस लक्षण मिले हैं. लगातार सर्दी खांसी बुखार के बाद परिवार ने प्राइवेट लेब में जांच करवाई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद परिवार वालों में डर बैठ गया. हालांकि इन दोनों बच्चों को अस्पताल में भर्ती नही करना पड़ा, घर पर ही इलाज से बच्चों की स्थिति कंट्रोल में है.

अलर्ट मोड में मुंबई महानगरपालिका

वहीं मुबंई महानगरपालिका भी इस नए वायरस को लेकर अलर्ट मोड पर आ गई है. जेजे और सेंट जार्ज अस्पताल को मुख्य अस्पताल बनाया गया है जहां इस वायरस के संदिग्ध मरीजों का इलाज किया जाएगा, इसके अलावा नागरिकों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं.

पुणे महानगरपालिका ने भी पुणे के नायडू अस्पताल में इस नए वायरस को लेकर 5 बेड खाली करवाए हैं. इस वायरस के लक्षणों वाले मरीजों को इन्हीं बेड पर रखा जाएगा और प्राथमिक्ता से इलाज किया जाएगा. आगे अगर मरीज बढ़े तो 5 बेड को 50 बेड में बदला जाएगा और अलग वार्ड बनाया जाएगा.

वायरस से बच्चों की देखभाल कैसे करें

ये वायरस बच्चों को अपना शिकार बना रहा है, ऐसे में बच्चों की देखभाल बेहद जरूरी हो गई है. बच्चों को देखभाल के लिए आप इन बातों का ध्यान रखें.

    • बच्चों को सलाह दें कि वह नियमित रूप से हाथों की सफाई करें
    • अपने बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए उचित कदम उठाएं
    • संक्रमित इलाकों की यात्रा से बचें
    • खानपान का ध्यान रखें

क्या हैं HMPV के लक्षण?

आप या आपके बच्चे को तेज़ बुखार (103 डिग्री फ़ारेनहाइट/40 डिग्री सेल्सियस से अधिक), सांस लेने में दिक्क्त, त्वचा, होंठ या नाखून का नीला पड़ना (सायनोसिस) जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत HMPV की जांच कराएं. आमतौर पर आपके लक्षणों और मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर HMPV का टेस्ट किया जाता हैं. इसके लिए नाक या गले से सैंपल लिया जाता है.