सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई के आरे जंगल में पेड़ काटने को लेकर जानकारी ली है. शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि वह बताए कि क्या मुंबई के आरे जंगल में और पेड़ों को काटने का कोई प्रस्ताव है. पीठ ने पक्षकारों को निर्देश दिया कि वे फरवरी के दूसरे सप्ताह तक अपनी दलीलें पूरी कर लें, ताकि महाराष्ट्र सरकार के वकील इस मुद्दे पर बयान दे सकें.
महाराष्ट्र सरकार की ओर से जब सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इसमें शामिल सभी लोगों के मन में जनहित है. चो वही, जस्टिस अभय एस ओका और जज ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा, ‘केवल जनहित ही नहीं, बल्कि पर्यावरण हित भी होना चाहिए. हजारों पेड़ पहले ही काटे जा चुके होंगे.’ सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 10 जनवरी 2025 तक के लिए स्थगित कर दी.
इससे पहले SC मुंबई मेट्रो को फटकार लगाई थी
सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में कुछ आदिवासियों को मेट्रो रेल परियोजना के लिए मुंबई के आरे जंगल में पेड़ों की कटाई से संबंधित अपनी शिकायतों को लेकर बम्बई हाईकोर्ट जाने की अनुमति दी थी. शीर्ष अदालत ने 17 अप्रैल 2023 को कार शेड परियोजना के लिए जंगल में केवल 84 पेड़ों की कटाई की अनुमति देने पर कड़ा रुख अपनाया था.