सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले क्या बहराइच के आरोपियों का घर गिराया जा सकता है?

बहराइच सांप्रदायिक हिंसा की आग धीरे-धीरे शांत हो रही थी कि पूरे केस में बुलडोजर की एंट्री हो गई. यूपी लोक निर्माण विभाग ने रामगोपाल मिश्रा की हत्या के 5 आरोपितों के घर पर अवैध निर्माण का नोटिस लगाया है. नोटिस में कहा गया है कि इस निर्माण को क्यों न तोड़ा जाए?

यह नोटिस ऐसे वक्त में लगाया गया है, जब पूरे देश में आरोपी और दोषी व्यक्ति के घर पर बुलडोजर चलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या बहराइच के इन 5 आरोपियों के घर पर सरकार का बुलडोजर चल सकेगा?

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा है?

बुलडोजर एक्शन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा था कि हम जल्द ही इसको लेकर एसओपी जारी करेंगे, तब तक कोई भी राज्य बुलडोजर एक्शन नहीं ले सकता है. कोर्ट का कहना था कि किसी आरोपी और दोषी के घर बुलडोजर चलाना कानून को कुचलने जैसा है.

कोर्ट ने सभी सरकार को सख्त लहजे में कहा था कि अगर बिना परमिशन बुलडोजर चलता है तो हम इसे अवमानना माना जाएगा.

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक जगहों से अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर चलाने की परमिशन दे दी थी. कोर्ट का कहना था कि मंदिर या कोई सार्वजनिक जगहों से अतिक्रमण हटाने को लेकर कोई एक्शन लिया जाता है, तो उस पर रोक नहीं है.

इस टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच में हुई थी.

सुप्रीम एक्शन के बावजूद बुलडोजर चलेगा?

यह अभी कहा नहीं जा सकता है. यूपी के लोक निर्माण विभाग ने सिर्फ नोटिस दिया. नोटिस तामिल की अवधि पूरी होने के बाद मामला मजिस्ट्रेट के पास जाएगा. फिर तय होगा कि घर गिरेगा या नहीं? इसी बीच अगर कोर्ट हरकत में आती है तो हो सकता है विभाग अपना नोटिस वापस ले ले.

बुलडोजर पर सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश है, वो भी अंतरिम है. कोर्ट कभी भी उस पर एसओपी जारी कर सकती है.

बुलडोजर चलेगा या यह नोटिस सिर्फ संदेश के लिए दिया गया है, इसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. हाल ही में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा था कि सरकार डराने की राजनीति करती है. सरकार बांटो और राज करो की नीति पर बढ़ रही है.

अगर घरों पर बुलडोजर चलता है तो क्या होगा?

यह सिर्फ सवाल है. अगर बुलडोजर चलता है और यह साबित होता है कि यह कोर्ट की अवमानना है तो यूपी सरकार पर मुकदमा चलाया जा सकता है. अवमानना के मामले में क्या सजा हो, यह कोर्ट तय करता है.

कोर्ट ने अपने फैसले में अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा था कि अगर बुलडोजर आप चलाते हैं तो हम आपके पैसे से पीड़ित को मुआवजा देंगे.

इस मामले में लोक निर्माण विभाग ने पहल की है. ऐसे में अगर विभाग सुप्रीम कोर्ट के फैसले से इतर एक्शन लेती है तो उसके अधिकारियों की सैलरी काटने का आदेश कोर्ट दे सकती है.