पश्चिम यूपी में अचानक क्यों हो रही ठाकुर पंचायत, बीजेपी के लिए कहीं टेंशन न बन जाए?

लोकसभा चुनाव की सियासी तपिश के बीच पश्चिमी यूपी में क्षत्रिय समुदाय के लोगों ने अचानक बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मुजफ्फरनगर, कौराना और सहारनपुर लोकसभा सीट के तहत आने वाले ठाकुर बहुल गांवों में बैठकों के बाद रविवार को सहारनपुर जिले के नानौता में क्षत्रिय महाकुंभ आयोजित की गई, जहां पर बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया गया. इस दौरान क्षत्रिय समुदाय के संगठनों ने ऐलान किया कि जो भी बीजेपी को हराएगा, क्षत्रिय समाज उसे ही वोट करेगा.

ठाकुर समुदाय की नाराजगी बीजेपी के लिए पश्चिमी यूपी में कहीं महंगी न पड़ जाए. लोकसभा चुनाव के बीच किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष ठाकुर पूरन सिंह 15 मार्च से पश्चिमी यूपी के गांव-गांव जाकर ठाकुर समुदाय को बीजेपी के खिलाफ लामबंद करने के मुहिम छेड़ रखी है. इसके बाद सहारनपुर के नानौता में रविवार को हजारों की संख्या में ठाकुर समुदाय के लोग एकजुट हुए. इस दौरान बीजेपी के खिलाफ उन्होंने काफी गुस्से का इजहार किया. ठाकुर समुदाय बीजेपी के परंपरागत वोटर माने जाते हैं. ऐसे में बीजेपी के लिए पश्चिमी यूपी में ठाकुरों की नाराजगी कहीं महंगी न पड़ जाए?

ठाकुर समाज क्यों बीजेपी से नाराज

ठाकुर पूरन सिंह ने टीवी-9 डिजिटल से बात करते हुए कहा कि क्षत्रिय समुदाय में बीजेपी को लेकर रोष है, क्योंकि पार्टी ने पूरी तरह से हमारे समाज की सभी मांगों को अनदेखा किया है. उन्होंने बताया कि क्षत्रिय वंशों एवं महापुरुषों के इतिहास का विकृतिकरण किया जा रहा है. ठाकुरवाद का फर्जी नैरेटिव फैलाया जा रहा, जिस पर बीजेपी आईटी सेल मौन है. राम मंदिर ट्रस्ट में श्री राम के वंशजों की और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पूरी तरह सूर्यवंशी क्षत्रियों की अनदेखी काी गई. मजबूत क्षत्रिय नेताओं का राजनीतिक वजूद मिटाने की साजिश की जा रही है. गुजरात में पुरुषोत्तम रुपाला ने क्षत्रियों पर टिप्पणी करके समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया है.