भारतीय सेना ने किया एंटी-टैंक फायर-एंड-फॉरगेट गाइडेड मिसाइल ‘नाग Mk 2’ का सफल परीक्षण

भारत लगातार अपनी सैन्य ताकतों में इजाफा कर रहा है. इस बीच भारतीय सेना ने स्वदेशी तकनीक से निर्मित तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक फायर-एंड-फॉरगेट गाइडेड मिसाइल (ATGM) ‘नाग Mk 2’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. ये परीक्षण राजस्थान के जैसलमेर जिले की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक तीन फील्ड ट्रायल्स के दौरान मिसाइल सिस्टम ने अधिकतम और न्यूनतम दूरी पर सभी लक्ष्यों को सटीकता से नष्ट कर दिया, जिससे इसकी फायरिंग रेंज की शक्ति को परखा गया.

नाग मिसाइल कैरियर वर्जन-2 का भी फील्ड परीक्षण किया गया. इसके साथ ही, पूरा हथियार प्रणाली अब भारतीय सेना में शामिल किए जाने के लिए तैयार है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नाग Mk 2 की पूरी हथियार प्रणाली के सफल फील्ड परीक्षणों के लिए DRDO, भारतीय सेना और उद्योग जगत को बधाई दी. राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने मिसाइल को भारतीय सेना में शामिल करने के लिए तैयार करने में सभी हितधारकों के प्रयासों की सराहना की.

सभी परीक्षण हुए सफल

दरअसल हर बार इस मिसाइल में कुछ नया जोड़ा जाता है, जिसके बाद इसका परीक्षण किया जाता रहा है. इससे पहले 2017, 2018, 2019, 2020 और 2023 और 2024 में अलग-अलग तरीके की नाग मिसाइलों के परीक्षण किए जा चुके हैं और इनमे से लगभग सभी परीक्षण सफल भी हुए हैं.

नाग एमके-2 की खासियत

नाग एमके-2, भारतीय सेना के लिए एक एडवांस एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम है. यह हल्की मिसाइल है जो हर मौसम में काम करने में सक्षम है. इका वजन करीब 45 किलोग्राम है और यह 6 फुट एक इंच लंबी है. यह मिसाइल 230 मीटर प्रति सेकेंड की रफ़्तार से अपने लक्ष्य पर प्रहार करती है इसके वार से बच पाना बेहद मुश्किल है. नाग मिसाइल को DRDO ने एकीकृत गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के तहत विकसित किया है.