छत्तीसगढ़: संगठन में अंदरूनी कलह से परेशान, 9 नक्सलियों ने पुलिस के सामने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शनिवार को सुरक्षा बलों पर हमलों में कथित रूप से शामिल नौ नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस ने बताया कि इन नक्सलियों का अलग-अलग इनाम मिलाकर कुल 43 लाख रुपये का इनाम था. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं. पुलिस ने बताया है कि नक्सलियों ने अपने संगठन में अंदरूनी कलह से परेशान होकर आत्मसमर्पण किया है.

सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि ये नक्सली पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने आए थे. एसपी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली माओवादी विचारधारा और प्रतिबंधित संगठन के भीतर चल रही अंदरूनी कलह से निराश हो गए थे. सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों के सिर पर पुलिस ने लाखों रुपये का इनाम रखा हुआ था.

किस पर कितना इनाम

चव्हाण ने जानकारी दी कि नक्सली प्लाटून संख्या 24 के कमांडर रनसाई उर्फ ​​ओयम बुस्का (34) और पीएलजीए बटालियन संख्या 1 की कंपनी विंग के सदस्य प्रदीप उर्फ ​​रव्वा राकेश (20) पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम था. इसके अलावा, चार अन्य नक्सलियों पर पांच-पांच लाख रुपये, एक महिला नक्सली पर तीन लाख रुपये और दो अन्य नक्सलियों पर दो-दो लाख रुपये का इनाम था.

25-25 हजार का इनाम

एसपी ने बताया कि रनसाई कई सुरक्षा बलों पर हमलों में शामिल था. आत्मसमर्पण करने वाले अन्य नक्सली भी विभिन्न हमलों में संलिप्त रहे हैं. अधिकारी ने बताया कि कोंटा पुलिस थाना, जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), खुफिया शाखा टीम और द्वितीय एवं 223वीं बटालियन के जवानों ने इन नक्सलियों का आत्मसमर्पण कराने में अहम भूमिका निभाई. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 25-25 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया है. सरकार की नीति के तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों का पुनर्वास भी किया जाएगा.