साइबर फ्रॉड से टेरर फंडिंग, बैंक कर्मचारियों का भी साथ…ATS का बड़ा खुलासा

मध्य प्रदेश एटीएस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. एटीएस की जांच में पाया गया कि साइबर फ्रॉड का पैसा टेरर फंडिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था. इस पूरे खेल में कई बैंक के अधिकारी भी शामिल थे. जिन्होंने सरकारी योजनाओं के नाम पर धोखाधड़ी की है. ये लोग सोशल मीडिया एप जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम पर ऑनलाइन बेटिंग गेम का एड के जरिए भी धोखाधड़ी को अंजाम देते थे.

इस पूरे काम को अंजाम देने के लिए बाकायदा आरोपियों को दिल्ली और हरियाणा में ट्रेनिंग दी गई. पुलिस ने इस फ्रॉड मे शामिल 12 लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया था, अब इसी मामले में 6 और लोगों की गिरफ्तारी हुई है.

एटीएस की जांच में खुलासा हुआ है कि साइबर अपराधियों के आतंकियों से कनेक्शन हैं. साइबर क्राइम में इस्तेमाल किए गए खातों से टेरर फंडिंग के सबूत मिले हैं.

क्या हुआ इस पूरे मामले में खुलासा

एटीएस ने बताया कि सरकारी योजनाओं का लाभ देने का लालच देकर आम लोगों के दस्तावेजों के जरिए अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाए गए. इन्हीं खातों के जरिए ट्रांजेक्शन किया गया है. इस मामले गिरफ्तार आरोपी फिलहाल जबलपुर साइबर सेल की हिरासत मे हैं.

ये गिरोह फर्जी गेमिंग लिंक बनाकर बेटिंग (सट्टा) कराने के नाम पर धोखाधड़ी करते थे. जिसमें कई बैंकों के कर्मचारी भी शामिल थे.

शासकीय योजनाओं का भी ले लिया लाभ

आरोपियो ने लोगों के पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज प्राप्त कर बैंकों में खाते खुलवा कर अवैध लाभ लिया. इसके अलावा आम लोगों के दस्तावेजों का उपयोग कर फर्जी तरीके से अलग अलग कंपनियों की सिमें खरीद कर धोखाधड़ी में उपयोग की गई.

शासकीय योजनाओं जैसे (किसान सम्मान निधि, बुजुर्ग पेंशन योजना, संबल योजना, बेरोजगारी भत्ता योजना) के लाभ का लालच देकर विभिन्न बैंकों में खाते खुलवाए गए थे.

इसके अलावा बचने के लिये आपस में रुपये का लेन देन कर शासकीय एंजेसियों को गुमराह करने का प्रयास किया. फर्जी सिमों का बड़ा नेटवर्क होने की संभावना है.

हरियाणा से गिरफ्तार हुए 6 आरोपी

  • मोहम्मद माशूक उर्फ मसूद
  • चंचल विश्वकर्मा
  • नीरज यादव
  • रामनाथ कुमार
  • गोविन्द कुमार
  • साजिद खान

आरोपियों के पास से क्या मिला

आरोपियों के कब्जे से लगभग 14 लैपटॉप, 40 मोबाइल फोन, विभिन्न बैंक के 89 एटीएम कार्ड, 06 बैंक पासबुक, 05 क्यूआर कोड, 02 चेकबुक, जप्त किये गये हैं.

आरोपियों ने पूछताछ में बताया की उनका संपर्क देश के विभिन्न राज्यों दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़ के अन्य आरोपियों के साथ है.जिनके साथ मिलकर यह फर्जी बैंक खातों एवं फर्जी सिमों का व्यापार एवं उनका उपयोग सायबर फ्रॉड करने में करते थे.