बांग्लादेश को लेकर बंगाल विधानसभा में ममता-शुभेंदु में तकरार, BJP नेता ने लगाया बड़ा आरोप

बांग्लादेश मुद्दे पर टीएमसी और बीजेपी के बीच तीखी नोकझोंक हुई. विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राजनीतिक दल पश्चिम बंगाल में तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता पर पलटवार किया. शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि वह जो कह रही हैं. उन्होंने ममता बनर्जी से सवाल किया कि क्या इस्कॉन और सायन घोष पर हमला फर्जी था? ममता बनर्जी फर्जी हैं. अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के लिए वह राजनीतिक दलों पर आरोप लगाते हुए ऐसी बातें कह रही हैं. “

शुभेंदु अधिकारी ने कहा, वह भारत सरकार को लिख सकते हैं. बांग्लादेश की घटना से पश्चिम बंगाल में व्यापक जनाक्रोश व्याप्त है. वह अपना चेहरा बचाने के लिए ऐसा कह रही हैं.

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी सीधे तौर पर मुहम्मद यूनुस का समर्थन कर रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी की निंदा कर रहे हैं. जब वे लोग बांग्लादेश में घटना का विरोध करने गए, तो सिद्दीकुल्ला चौधरी, फिरहाद हकीम, रानी रासमणि रोड को इसका इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई और यदि हिंदू राष्ट्रीय ध्वज लेकर कलकत्ता में विरोध प्रदर्शन करने जाते हैं, तो उन्हें उच्च न्यायालय से अनुमति लेनी होगी.

रिक्शे से कोलकाता पर कब्जा करेंगे?

इसके बाद शुभेंदु अधिकारी ने कोलकाता पर कब्जे की बांग्लादेश की धमकी का मजाक उड़ाया. उन्होंने कहा, ‘मुझे खबर है कि ढाका से 3 लाख हाथ से खींचे जाने वाले रिक्शे कोलकाता पर कब्जा करने के लिए निकले हैं. अरे, उनके पास क्या है?

वहीं बांग्लादेश को लेकर ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि वे कोलकाता पर कब्जा कर लेंगे, वे बिहार पर कब्जा कर लेंगे, तो क्या हम यहां लॉलीपॉप खाएंगे?

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सचिव जा रहे हैं, इस बैठक से समाधान निकलेगा. मैं सभी से अपील करूंगी कि ऐसा कुछ भी न करें जिससे तनाव फैले. सभी लोग संयम से व्यवहार करें, यही हमारा अनुरोध है.

बांग्लादेश में हिंसा पर ममता ने कही ये बात

पिछले सोमवार को मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था, ”अगर बांग्लादेश में भारतीयों पर हमला होगा तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम उन्हें वहां से वापस ला सकते हैं.” साथ ही उन्होंने कहा, ”हमारा परिवार, संपत्ति और प्रियजन बांग्लादेश में हैं. हम इस (बांग्लादेश) मुद्दे पर भारत सरकार के रुख को स्वीकार करेंगे, लेकिन हम दुनिया के किसी भी हिस्से में धार्मिक कारणों से सताए गए किसी भी व्यक्ति की निंदा करते हैं.