NIA ने लॉरेंस को बताया दूसरा दाऊद, जेल से कैसे चला रहा गैंग? यहां पढ़िए पूरा काला चिट्ठा

पंजाब के छोटे से शहर फाजिल्का में जन्मे गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का अपराध का साम्राज्य अब सात समंदर पार भी पसर रहा है. उसकी गैंग में अलग-अलग जोन को अलग-अलग गैंगस्टर संभाल रहे हैं. लॉरेंस में जितने बड़े नाम हैं सभी को उनकी जिम्मेदारियां दी गई हैं. जिन राज्यों को गैंगस्टरों को सौंपा गया है वहां से रेवेन्यू जनरेट करना और गैंग चलाना दोनों ही कामों की जिम्मेदारी दी गई है. बड़ी बात ये है कि सभी जोनों की पूरी जानकारी साबरमती जेल में बंद लॉरेंस तक पहुंचती है. लॉरेंस वहीं से अपनी पूरी गैंग को मैनेज कर रहा है. बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के बाद से लॉरेंस गैंग एक बार फिर चर्चा में आई है. यहां पढ़ें लॉरेंस गैंग से जुड़ी सारी डिटेल्स.

लॉरेंस बिश्नोई के जुर्म का साम्राज्य अब तक 11 राज्यों और 6 देशों तक फैल चुका है. इन्हें जोन के मुताबिक बांटा गया है जिसमें हर जोन में भारत के राज्यों के साथ एक न एक देश की जिम्मेदारी भी दी गई है. 11 राज्यों में पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली एनसीआर, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल और उत्तराखंड को शामिल किया गया है. इस गैंग ने इन राज्यों के अलावा अमेरिका, यूके, यूएई, पुर्तगाल, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों तक अपने पांव जमा लिए हैं.

गैंगस्टर- गोल्डी बराड़ ठिकाना- कनाडा ऑपरेटिव जोन- कनाडा, पंजाब, दिल्ली और हिमाचल.

गैंगस्टर- रोहित गोदारा ठिकाना- अमेरिका ऑपरेटिव जोन- राजस्थान, मध्य प्रदेश और यूएसए

गैंगस्टर- अनमोल बिश्नोई ठिकाना- अमेरिका और पुर्तगाल ऑपरेटिव जोन- पुर्तगाल, अमेरिका, दिल्ली एनसीआर, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल.

गैंगस्टर- काला जेठेड़ी ठिकाना- तिहाड़ जेल, दिल्ली ऑपरेटिव जोन- हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड.

गैंग के पास कहां से आते हैं हथियार

बिश्नोई गैंग को हथियार सप्लाई करने के लिए भी अलग-अलग ठिकाने हैं. इनके लिए भी सिंडिकेट काम करता है. जैसे मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां किसी भी वारदात को अंजाम देने के लिए गैंग के पास हथियार मालवा गैंग से आते हैं. जिसमें धार, सेंधवा, बड़वानी, रतलाम, खंडवा, बुरहानपुर और खरगोन शामिल है. वहीं उत्तर प्रदेश की बात करें तो गैंग को हथियारों की सप्लाई मुख्य रूप से मेरठ से होती है. इसके अलावा मुजफ्फरनगर और अलीगढ़ से भी हथियार सप्लाई किए जाते हैं. बिहार में गैंग को मुंगेर और खगड़िया से हथियार आते हैं.

पंजाब में अगर हथियारों की सप्लाई की बात करें तो पंजाब में जहां भी पाकिस्तान बॉर्डर है वहां से गैंग को हथियारों की सप्लाई होती रहती है. इसमें वह सभी शहर शामिल हैं जो कि पंजाब बॉर्डर से लगे हुए हैं. इसके अलावा पाकिस्तान, अमेरिका, रूस, कनाडा और नेपाल से भी हथियार सप्लाई होते हैं.

लॉरेंस के बाद गोल्डी टॉप

लॉरेंस बिश्नोई गैंग में पूरी गैंग को मैनेज करने का काम सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ करता है. एनआईए ने हाल ही में चार्जशीट में बताया है कि बिश्नोई गैंग में 700 से ज्यादा शार्प शूटर्स हैं. इनमें करीब 300 शूटर तो केवल पंजाब में ही हैं. एक वक्त था जब लॉरेंस का गैंग सिर्फ पंजाब तक ही सीमित था. लेकिन, अब यह गैंग देश के कई राज्यों समेत अन्य देशों तक पसर गया है. सोशल मीडिया के जरिए गैंग में नए लोगों को भर्ती किया जा रहा है. एनआईए ने लॉरेंस की तुलना दाऊद इब्राहिम से की है. एनआईए ने कहा है कि लॉरेंस गैंग उसी तरह से अपना टेरर सिंडिकेट बना रहा है जैसा दाऊद इब्राहिम ने 90 के दशक में बनाया हुआ था.